दिल रो रहा है
जिंदगी हस रही है
कब से दिल खामोश है
और थोडासा बेहोश है
बस दिन बीते जा रहे है
और उदासी छा रही है
जाने किसकी इसे आस है
और कितनी बड़ी इसकी प्यास है
बस यही सोचे जा रहा हू
हो तो कुछ भी नही रहा है
पाने की दुनिया बहोत दूर लग रही है
बस दिन बीते जा रहे है
ज़िंदगी ख्वाईशो मे अटक गई है
ख्वाब टूट गया है
ज़िंदगी रूठ गई है
तन्हाई छा गई है
पता नही ज़िंदगी किस और जा रही है
बस दिन बीते जा रहे है
अब बस वही ज़िंदगी लानी है
जो मैने सोची है
ख्वाबों को फिर से सजाना है
अपने आप को फिर से बनाना है
मंज़िल थोड़ी दूर है
रस्ता भी मुश्किल है
पर मैने भी खुद को तराशा है
मुश्किलो के आगे खुद को नापा है
चाहे दिन कैसे भी हो
हर हाल मे आगे बढ़ना है
बस वही ज़िंदगी लानी है जो मैने सोची है
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