Monday, October 6, 2025

वही ज़िंदगी लानी है

 दिल रो रहा है

जिंदगी हस रही है

कब से दिल खामोश है

और थोडासा बेहोश है

बस दिन बीते जा रहे है

और उदासी छा रही है

जाने किसकी इसे आस है

और कितनी बड़ी इसकी प्यास है

बस यही सोचे जा रहा हू

हो तो कुछ भी नही रहा है

पाने की दुनिया बहोत दूर लग रही है

बस दिन बीते जा रहे है

ज़िंदगी ख्वाईशो मे अटक गई है

ख्वाब टूट गया है

ज़िंदगी रूठ गई है

तन्हाई छा गई है

पता नही ज़िंदगी किस और जा रही है

बस दिन बीते जा रहे है

अब बस वही ज़िंदगी लानी है

जो मैने सोची है

ख्वाबों को फिर से सजाना है

अपने आप को फिर से बनाना है

मंज़िल थोड़ी दूर है

रस्ता भी मुश्किल है

पर मैने भी खुद को तराशा है

मुश्किलो के आगे खुद को नापा है

चाहे दिन कैसे भी हो

हर हाल मे आगे बढ़ना है

बस वही ज़िंदगी लानी है जो मैने सोची है 

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