Saturday, October 11, 2025

ख्वाबो से बातचीत

                                             

                                                           

                      एक दिन मैं अपने ख्वाबो से मिलने चला,

देख के उसका नज़ारा मैं होश खो बैठा,

हुई थोड़ी बातचीत उससे पता चला ख़ैरियत उसकी,

फिर मैं बोला, कितना मुस्किल होता है ख्वाबो को पाना,

ख्वाब  बोला, जैसे तुम्हे ज़रूरत होती है ख्वाबो की,

ख्वाबो को भी ज़रूरत होती है उन्हे पाने वालो की,

एसलिए तेरे कदम कुछ देर मेरे  और चलते है और,

फिर मेरे कदम कुछ देर तेरे और चलते है..

तभी तो मंज़िले पाई जाती है


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