काश हम एक आईना होते
जब भी देखोगे, नूर ही नूर अदा करते
तेरी आँखों से तेरे दिल में उतरते
दिल में उतरके अपनी एक जगह बनाते
जब तू देखे मुझमें हँसते मुस्कुराते
महसूस करूँ मैं मेरी खुशी तेरी हँसी में
जब तक ना होते हमारे टुकड़े टुकड़े
तब तक हम तुम्हें नूर ही नूर अदा करते
-- गणेश
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