Saturday, October 11, 2025

इश्कहारा


हर पल ग़मों से लिपटता दिल मेरा, इश्कहारा

यूँ ही गिर पड़ा धरती पर आसमान का तारा
किस्मत का है ये फ़ैसला, अब तो ख़ुदा का ही है सहारा
दर्द देना है फ़ितरत उसकी, दर्द सहना बनी आदत मेरी
तेरी चाहत ने मुझे बड़ा बेबस किया
और ख़ुदा से गहरा रिश्ता बना दिया
हर पल ख़ुदा से दुआ करता हूँ
हर राह में तुझसे मिलने आस रखता हूँ

काश ये दुआ रंग लाए
मेरी ज़िंदगी सँवर जाए
सारे ग़म मिट जाएँ
हँसी मेरी खिल जाए
काश ये दुआ रंग लाए

आशिक़ तेरा, इश्कहारा
इश्कहारा, इश्कहारा

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