Saturday, October 11, 2025

एक इरादा



अब तो वही करना है जो ठान लिया है…  

संघर्षों के मैदान में फिर से उतरना है…  

रातों से चुरानी है आँखों की नींद…  

आख़िर तक लड़ेगा मेरे खून का एक एक बूँद…


No comments:

Post a Comment