a blog on poetry and thoughtful articles written by Ganesh D. Narvane...!
अब तो वही करना है जो ठान लिया है…
संघर्षों के मैदान में फिर से उतरना है…
रातों से चुरानी है आँखों की नींद…
आख़िर तक लड़ेगा मेरे खून का एक एक बूँद…
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