काली रात से ही होती थी मेरे दिल की बात
तू ना रहता तो कौन था इस तन्हा दिल के साथ
सूरज से था कहता जा के भेज मेरे दोस्त को
फिर सुन के मेरी बात सूरज भेजता था रात को
और लगता मुझे सूरज सो गया करके आँखें बंद बंद
पर खुद भी आता वो देखने मुझे बनके चाँद चाँद
सूरज भी आता देखने मुझे बनके चाँद चाँद
-- गणेश
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