Saturday, October 11, 2025

एहसास

 

तूने ही तो दी है ये ज़िंदगी…

मुझे जीना तो सिखा दे…

मंज़िलों की ओर जाए ऐसी एक राह तो दिखा दे…

जी तो मैं रहा हूँ पर ज़िंदा होने का एहसास मुझे करा दे…

मुझे अपनी ख़ुशी से मिला दे…

या रब्बा… मुझे अपनी ख़ुशी से मिला दे…

खोई हुई क़िस्मत मुझे मिला दे,

इतना तो करम कर, कुछ तो रहम कर…

या रब्बा, मुझ पर भी तेरी नज़र हो…

मेरी ज़िंदगी में भी तू हाज़िर हो…

बस इतना ही मागूँ…

और तेरी रहमत में पाऊँ… या रब्बा…

इश्कहारा


हर पल ग़मों से लिपटता दिल मेरा, इश्कहारा

यूँ ही गिर पड़ा धरती पर आसमान का तारा
किस्मत का है ये फ़ैसला, अब तो ख़ुदा का ही है सहारा
दर्द देना है फ़ितरत उसकी, दर्द सहना बनी आदत मेरी
तेरी चाहत ने मुझे बड़ा बेबस किया
और ख़ुदा से गहरा रिश्ता बना दिया
हर पल ख़ुदा से दुआ करता हूँ
हर राह में तुझसे मिलने आस रखता हूँ

काश ये दुआ रंग लाए
मेरी ज़िंदगी सँवर जाए
सारे ग़म मिट जाएँ
हँसी मेरी खिल जाए
काश ये दुआ रंग लाए

आशिक़ तेरा, इश्कहारा
इश्कहारा, इश्कहारा

नैना मेरे नैना

 नैना मेरे नैना  

नाज़ुक सा एक गहना  

काम है इसका ख़्वाब देखते रहना  

जो चाहे अगर ना मिले तो चुपके से आँसू बहाना  

और गुमसुम गुमसुम तन्हा रहना  

ऐसा है एक नाज़ुक सा गहना  

नैना मेरे नैना  

दिल की मुश्किलें बढ़ाए ये नाज़ुक सा गहना  

रात को अकेले चाँद को तकते रहना  

ओ मेरे नैना

काश हम एक आईना होते ..

 काश हम एक आईना होते  

जब भी देखोगे, नूर ही नूर अदा करते  


तेरी आँखों से तेरे दिल में उतरते  

दिल में उतरके अपनी एक जगह बनाते  


जब तू देखे मुझमें हँसते मुस्कुराते  

महसूस करूँ मैं मेरी खुशी तेरी हँसी में  


जब तक ना होते हमारे टुकड़े टुकड़े  

तब तक हम तुम्हें नूर ही नूर अदा करते


-- गणेश


काली रात

 काली रात से ही होती थी मेरे दिल की बात  

तू ना रहता तो कौन था इस तन्हा दिल के साथ  

सूरज से था कहता जा के भेज मेरे दोस्त को  

फिर सुन के मेरी बात सूरज भेजता था रात को  

और लगता मुझे सूरज सो गया करके आँखें बंद बंद  

पर खुद भी आता वो देखने मुझे बनके चाँद चाँद  

सूरज भी आता देखने मुझे बनके चाँद चाँद  


-- गणेश